जौनपुर : सपा कार्यालय पर मनाई गई डॉ राम मनोहर लोहिया की 113वीं जयंती
जौनपुर। विश्व प्रकाश श्रीवास्तव तहलका 24×7 समाजवादी पार्टी कार्यालय पर डॉ राम मनोहर लोहिया की 113वीं जयंती सपा जिलाध्यक्ष लालबहादुर यादव के नेतृत्व में मनाया गया। उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए जिलाध्यक्ष लालबहादुर यादव ने कहा कि लोहिया जी का कहना था।“संसोपा ने बाँधी गाँठ, पिछड़े पावें सौ में साठ” इसी नारा को बुलंद किया था जिसमें शोषित वंचित समाज के उत्थान के लिए कलमबद्ध हुए।डॉ राममनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च 1910 को हुआ था और मृत्यु 12 अक्टूबर 1967 को हो गयी थी। डॉ लोहिया अपना जन्मदिन नहीं मनाते थे क्योंकि 23 मार्च शहीद-ए-आजम सरदार भगत सिंह का शहादत दिवस है।
लोहिया आज़ाद भारत के उन चुनिंदा राजनेताओं में शुमार किए जा सकते हैं जो मौलिक विचारक होने के साथ-साथ देश में मातृभाषा के पक्षधर थे। हालांकि वे हिंदी के अलावा अंग्रेजी और जर्मन भाषा के भी जानकार थे। सर्व विदित है कि डॉ लोहिया ने अपनी डॉक्टरेट की डिग्री जर्मनी के हम्बोल्ट यूनिवर्सिटी से हासिल की थी। वहीं सपा प्रमुख महासचिव राजनरायण बिंन्द ने कहा कि डॉ लोहिया भारत में गैर-कांग्रेसवाद के शिल्पी थे, और आज़ाद भारत में यह उन्हीं के अथक प्रयास से संभव हो सका कि कभी अपराजेय समझी जाने वाली कांग्रेस सन् 67 तक कई राज्यों में चुनाव हारी। वे देश में अंग्रेजी हटाओ आन्दोलन के प्रणेता थे और इस मुद्दे पर वे बेबाक राय रखते थे। उनके लिए स्वभाषा राजनीति का मुद्दा नहीं बल्कि अपने स्वाभिमान का प्रश्न और लाखों-करोड़ों को हीन भावना से उबारकर आत्मविश्वास से भर देने का स्वप्न था।
डॉ लोहिया न केवल एक गंभीर चिन्तक थे बल्कि सच्चे कर्मवीर भी थे। वे लोहिया ही थे जो राजनीति की गंदी गली में भी शुचिता व शुद्ध आचरण की बात करते थे। वे एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अपनी पार्टी की सरकार से खुलेआम त्यागपत्र की मांग की, क्योंकि उस सरकार के शासन में आंदोलनकारियों पर गोली चलाई गई थी। लोहिया मात्र 57 वर्ष ही जीवित रह सके मगर इतनी कम अवधि में भी वे एक प्रकाशपुंज की तरह भारतीय राजनीति पर अमिट छाप छोड़ गए। डॉ लोहिया अपनी लेखनी, ठेठ देशी ठसक और कर्मवीरता की वजह से सदियों याद किए जाते रहेंगे। जयंती समारोह मे मुख्य रूप से पूर्व विधायक अरशद खान, पूर्व अध्यक्ष राजबहादुर यादव, अवधनाथ पाल, उपाध्यक्ष श्याम बहादुर पाल, प्रवक्ता राहुल त्रिपाठी, महेन्द्र यादव, राजेश यादव, श्रवण जायसवाल, नीरज पहलवान, गुलाब यादव, रमेश साहनी, अनील यादव, रमाशंकर यादव, गजराज यादव, कमालुद्दीन अंसारी, संचालन जिलामहाचिव हिसामुद्दीन शाह ने किया।