100 किलोमीटर अंदर भारतीय सेना ने किया मिसाइल हमला, नौ आतंकी ठिकानें ध्वस्त
नई दिल्ली।
तहलका 24×7
सरकार और सेना ने पाकिस्तान और उसके अवैध कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सशस्त्र बलों की स्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थीं। इस दौरान बताया गया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ रात एक बजकर पांच मिनट और एक बजकर 30 मिनट के बीच चलाया गया। इस दौरान आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।


उन्होंने मुजफ्फराबाद में सैयदना बिलाल कैंप पर स्ट्राइक की भी जानकारी दी, यह जैश-ए-मोहम्मद का कैंप है, जो हथियार, विस्फोटक और प्रशिक्षण केंद्र के रूप में काम करता है। इसके साथ ही नियंत्रण रेखा (एलओसी) से 30 किलोमीटर दूर कोटली में गुलपुर कैंप को भी टारगेट किया गया। यह 20 अप्रैल 2023 को पुंछ हमले और 9 जून 2024 को तीर्थयात्रा बस हमले से जुड़े लश्कर आतंकियों का ठिकाना था। इसके अलावा भिमबेर में बरनाला कैंप को भी ध्वस्त किया गया। यह हथियारों और आईईडी की सप्लाई का केंद्र और ट्रेनिंग सेंटर था। ऐसे ही एलओसी से 13 किमी दूर कोटली कैंप में 15 आतंकवादियों की क्षमता वाले लश्कर के फिदायीन को प्रशिक्षित किया जाता था।

इसे भी ध्वस्त किया गया। इससे पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस में संसद हमले, मुंबई हमले, पुलवामा हमले और पहलगाम हमले के दृश्य दिखाए गए। सबसे पहले विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इसके बाद कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पूरी जानकारी साझा की।उन्होंने बतायास कि ऑपरेशन सिंदूर 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए वीभत्स आतंकी हमले के शिकार नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए किया गया। नौ ठिकानों की पहचान कर उन्हें बर्बाद किया गया।

इन ठिकानों में आतंकियों को प्रशिक्षित किया जाता था। ये आतंकियों के लॉन्च पैड थे। ऑपरेशन सिंदूर के लिए इन लक्ष्यों का चयन विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर हुआ। इसमें यह ध्यान रखा गया कि रिहाइशी इलाकों और आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे। इससे पहले विक्रम मिस्री ने कहा, 22 अप्रैल को लश्कर-ए-तैयबा से पाकिस्तान से प्रशिक्षित आतंकियों ने कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर बर्बरतापूर्ण हमला किया। 25 भारतीयों और एक विदेशी नागरिक को कायरतापूर्ण तरीके से मार दिया गया।