आ गई होली सज गई दुकानें, कोरोना का डर डाल रहा रंग में भंग
स्पेशल डेस्क।
राजकुमार अश्क
तहलका 24×7
होली आतें ही विभिन्न दुकानें रंग, अबीर, गुलाल व पिचकारी आदि से सज गई है मगर ग्राहक नदारद हैं, कोरोना और महंगाई का असर साफ तौर पर बाजारों में देखा जा सकता है। एक तरफ लोग कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से भयभीत हैं तो वहीं दूसरी तरफ महंगाई भी अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। पिछले साल की होली भी कोरोना की भेंट चढ़ गयी थी और इस साल की होली भी कोरोना का ही आलिंगन कर रही है।
अभी कुछ समय पहले तक कोरोना की गति बिलकुल मंद पड़ गयी थी मगर अचानक से आई वृद्धि से सभी दुकानदारों के माथे पर बल ला दिया है छोटे दुकानदारों का कहना है कि किसी तरह से कर्ज लेकर दुकान में माल भरा था कि होली में बेच कर कुछ पैसे बचा लूंगा जिससे बच्चों की पढ़ाई के लिए कापी किताब और फीस का जुगाड़ हो जाएगा मगर फिर से कोरोना की वृद्धि और सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश ने सारे अरमानों पर पानी फेर दिया अब तो यह चिंता खाएं जा रही है कि अगर यहीं हाल रहा तो? जो कर्ज लिया था उसे भरूंगा कैसे..
दुकानदारों का चिंतित होना लाजमी है कुछ समय पहले तक सरकार कह रही थी कि कोरोना की स्थिति अब पहले से बेहतर है, रिकवरी रेट भी 97.56 फीसदी के लगभग पहुँच गया था, लगभग 4.5 करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन भी लग चुकी मगर अचानक से ऐसा क्या हुआ जो रिकवरी रेट कम होना शुरू हो गया और संक्रमितों की संख्या बढने लगी? वजह चाहे जो भी हो, मगर इसका सीधा शिकार मध्यम वर्ग, छोटे दुकानदार, रेहड़ी पटरी खोमचे वाले हो रहें हैं अगर समय रहते कोई ठोस उपाय नहीं किया गया तो आगे आने वाले समय में बहुत से त्योहारों पर भी इसका असर पड़ना लाजमी है।
Mar 28, 2021