ऑपरेशन सिंदूर: समूचा देश गदगद पर कांग्रेस का हाजमा खराब!
# 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए नरसंहार से देश कराह उठा था, लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे का बयान कि ‘इंटेलिजेंस फेल्योर’ पार्टी के यूपी अध्यक्ष ने तो राफेल पर नीबू-मिर्ची लगाकर शौर्य का मजाक उड़ाया, लगता है मोदी से चिढ़ और ईर्ष्या के चलते कांग्रेस का दिमागी संतुलन हिल गया है: स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती
कैलाश सिंह
राजनीतिक संपादक
लखनऊ/दिल्ली।
तहलका 24×7
महाभारत काल में कौरव और पांडव की सेनाएं जब आमने-सामने हुईं तो ‘युद्ध का मानक बना धर्म’, हालांकि इसे अभिमन्यु को घेरने में कौरवों ने तोड़ दिया, तब श्री कृष्ण के इशारे पर अर्जुन ने भी फंसे रथ को निकालते समय कर्ण को मारा था।कश्मीर घाटी के पहलगाम में आतंकियों ने दुर्योधन को मात देते हुए 26 हिंदुओं के नरसंहार से पहले उनका धर्म पूछा, शक होने पर कपड़े उतारे और इत्मिनान होने पर उनकी नव विवाहिता के सामने गोली मार दी और महिलाओं को छोड़ते हुए साफ कहा की जाओ मोदी को बता देना।

इधर भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अरब देशों की यात्रा बीच में छोड़कर लौटे तो अपने ही देश का विपक्ष उनपर सवालों की झड़ी लगते हुए टूट पड़ा।मोदी पाण्डवों सरीखे धैर्य रखते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की रचना में लगे रहे और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे समेत अन्य नेता जो 28 सितंबर 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 26 फरवरी 2019 को एयर स्ट्राइक के सबूत मांगते रहे, उन्होंने पहलगाम की घटना में भारतीय इंटेलिजेंस को फेल्योर बताया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने तो राफेल के डेमों पर नीबू-मिर्ची लगाकर देश के शौर्य का ही मज़ाक बना दिया।

ऐसे ही नेताओं या उनके चमचों ने मोदी के सिर विहीन कट आउट की तस्वीर सोशल मीडिया में जारी करके क्विज प्रतियोगिता का हिस्सा बना दिया। उनके इन क्रिया कलापों पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि सर्वदलीय बैठक में देश और मोदी का साथ देने का वचन देने वाले यही दल खासकर कांग्रेस को मोदी से चिढ़, नफ़रत, ईर्ष्या है या उनकी सरकार से है?राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि देश में अंदरुनी राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप सबकुछ जायज है, लेकिन जब देश की अस्मिता पर आन पड़े तो अटल बिहारी वाजपेयी सरीखा नजर आना और दिखना चाहिए।

उन्होंने 1971 में पाकिस्तान के दो टुकड़े (बांग्लादेश) युद्ध में तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी का भाजपा की तरफ से खुलकर साथ दिया और तारीफ की थी। वर्तमान विपक्ष एक पखावरे से केवल मोदी की कमी खोजने में लगा रहा। उनके मुंह पर ताला तब लगा जब पहलगाम की घटना के 15वें दिन भारतीय सेना ने 6-7 मई की दरम्यानी रात 1:05 बजे महज 25 मिनट में दो दर्जन से अधिक मिसाइल से पाकिस्तान और पीओजेके स्थित नौ आतंकी ठिकानों को तबाह करके आतंक के खिलाफ रणभेरी बजा दी।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाक पोषित आतंकियों को जवाब देने और पहलगाम की घटना में विधवा हुई बहन-बेटियों के सम्मान जनक तरीके से आंसू पोछने के लिए कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये भारतीय महिलाओं के सिंदूर को शिखर प्रदान किया गया, साथ ही दोनों वीरांगनाओं ने नपे-तुले शब्दों में कहा कि भारत का यह हमला आतंक के खिलाफ सख्त कदम है।इसके जरिये भारत ने पूरी दुनिया को संदेश दे दिया कि हम आतंक के खिलाफ कमर कस चुके हैं।

इस मामले में देश के पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मन्त्री स्वामी चिन्मयानंद का कहना है कि जब भी भारत से पाकिस्तान का युद्ध हो या पाक के नापाक छद्म युद्ध रहा हो भाजपा ने हमेशा विपक्ष का आदर्श प्रस्तुत किया है। अटल जी हमेशा राष्ट्र को सर्वोपरि मानते रहे हैं। उन्होंने 1971 में पाकिस्तान से भारत की हुई जीत पर इंदिरा गांधी की मुक्त कंठ से सराहना की थी। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे हों या यूपी अध्यक्ष अजय राय अथवा अन्य नेता उन्हें कम से कम पाकिस्तान के मुकाबले होने वाले हमलों में अटल बिहारी वाजपेयी के प्रस्तुत आदर्श से सीख लेनी चाहिए।

रहा सवाल मोदी का तो उन्होंने सिंधु जल संधि तोड़कर वॉटर स्ट्राइक के साथ ही आतंकवाद और उसका पोषण करने वाले पाकिस्तान को दमदारी से जवाब देना शुरु किया है। यह सिलसिला आतंक के जड़ से खत्म होने तक जारी रहेगा। पहलगाम की घटना का मुंहतोड़ जवाब देने पर दुनियाभर में मोदी, भारतीय सेना और इंटेलिजेंस की तारीफ हो रही है। इतना ही नहीं, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर चीन ने भी भारत का समर्थन किया है।