गोल्ड माफिया का कारनामा: 4.64 लाख का हार गुणवत्ता मानक कसौटी पर बाली बनकर निकला!
# ढाई साल पूर्व इस गोल्ड माफिया के यहां पड़ा था आईटी का छापा, सीज हुए थे बैंक खाते, तोड़ी गई थीं दीवारें, अब ग्राहक को ठगने में हुई एफआईआर, अपराधियों और नौकरशाहों को देता है हफ़्ता, ग्राहकों को लूटता है दिन दहाड़े।
कैलाश सिंह
जौनपुर/ लखनऊ।
तहलका 24×7
आसमान में परवाज़ करते सोने के दाम में जमीन पर बैठे गोल्ड माफिया ‘कैरेट में एचयूआईडी’ से कैरम सरीखे खेल रहे हैं। मुख्तार और मुन्ना बजरंगी के गुर्गों को हफ़्ता देने वाला एक गोल्ड माफिया चार दशक पूर्व चांदी का कथित तस्कर था।वह आज बड़े अपराधियों के संरक्षण में आम आदमी को लूट रहा है। यही नहीं, वह नौकरशाही की सरपरस्ती में छोटे व्यापारियों को भी निगल रहा है। इसकी बानगी जौनपुर शहर में आज भी मौजूद है।

पर्वांचल में इसकी वाहन एजेंसियों का कारोबार फैला है। ढाई साल पूर्व इसके यहां हफ़्ते भर आईटी का छापामार अभियान चला, इस दौरान दीवारें तोड़कर प्रतिबंधित मशीनों के साथ सोने चांदी की शक्ल में काले धन भी आयकर टीम उठा ले गई। करोड़ों ट्रांजैक्सन वाले खाते भी सीज कर दिये गए थे। अब एक ग्राहक ने शहर कोतवाली में अपने साथ हुई धोखाधड़ी और धमकी की रिपोर्ट दर्ज कराई तो उसके पैचप में वह लग गया है।

दरअसल आम से खास जन में भरोसे के कारोबार का नाम रहा है सर्राफा, लेकिन गोल्ड माफिया ने इसके साथ भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा निर्धारित मानक यूनिक आईडेंटिफिकेशन नम्बर (एचयूआईडी) में खेल करके ग्राहकों से लूट को परवान पर चढ़ा दिया है। इतना ही नहीं, इसकी वाहन एजेंसियों में सर्विस के दौरान नये पार्ट की जगह पुराने पार्ट लगा दिए जाते हैं, इसका प्रमाण भी है। इस धंधे में कथित अपराधियों, पुलिस प्रशासन के अलावा भू-माफिया, सूदखोर से बने कथित पत्रकारों को भी इसने जोड़ रखा है।

कुछ साल पूर्व इसी तरह की ठगी एक पत्रकार से हुई तो इसने नया जेवर देकर एक अधिकारी के जरिये मामले को दबा दिया. वह पत्रकार आज भी रसीद लिए मन मसोसे पड़ा है।कीर्तिकुंज नाम से फर्म चलाने वाले इस गोल्ड माफिया के नए कारनामे का खुलासा तब हुआ जब जिले के बक्सा थाना क्षेत्र के कुल्हनामऊ कालीचाबाद निवासी नरेंद्र प्रताप मिश्र ने शहर कोतवाली में अपनी शिकायत दर्ज कराई। कीर्ति कुंज नामक फर्म के खिलाफ (91.6 gold palace) एचयूआईडी के फर्जी नम्बर पर हुई है। श्री मिश्र की तहरीर के मुताबिक उन्होंने 19 फरवरी 2025 को 4.64839 रुपये में हार खरीदा था।

जब उन्होंने एचयूआईडी चेक कराई तो उसकी गुणवत्ता नहीं दिखी, वापस दूकान पर आये तो उसने भीतर जाकर नया एचयूआईडी नम्बर 918 वीसीजे छापकर दे दिया, जब फ़िर उन्होंने जांच कराई तो हार की बजाय बाली का नम्बर दिखने लगा। इस दौरान चार माह गुजर गए। वह हाल ही में फ़िर दूकान पर आये तो संचालक के इशारे पर उसके बाउंसरों ने धमका दिया। लाचार होकर वह शहर कोतवाली में शिकायत दर्ज कराये तो जिले में हड़कंप मच गया।कोतवाली में दाल नहीं गली तो गोल्ड माफिया बड़े नौकरशाहों तक दौड़ रहा है।
क्रमशः……..