जौनपुर पुलिस अब हत्यारोपी सरीखे चोरों का नाम भी पीड़ित से ही पूछती है!
# ढाई माह पूर्व लाइन बाजार थाने से दो सौ मीटर दूर लखनऊ-वाराणसी मार्ग स्थित मातापुर में अपना दल के दिवंगत नेता रविंद्र सिंह पटेल के घर का ताला तोड़कर 12 लाख के जेवर और नकदी चोरी हुई, पुलिस अभी तक रेकी करने के दिखावे में लगी
जौनपुर।
गुलाम साबिर
तहलका 24×7
जिले में पुलिसिंग का हाल ये है कि जो जिम्मेदारी उनपर होती है उसे कोरम पूरा करने के तौर पर निबटाया जाता है, बाकी जो कार्य इस मककमे के दायरे में नहीं आता है, जैसे जमीन का झगडा़, पेड़ों की कटान, जुवा के अड्डे, गांजा बिक्री केन्द्र आदि उसे ही यहां की पुलिस अपना कर्तव्य मानकर हफ्ते लेकर निबटाती है। यहां दी जा रही बानगी प्रदेश के अन्य जिलों में भी कामोबेस मिल जाएगी।

ऐसी ही पुलिस के लिए दशकों पूर्व कवि चकाचक बनारसी ने लिखा था :-
“पटक के मारा जे कहे पन्द्रह अगस्त हौ, चकला चलावे के होखे त पुलिसन के साट ला,
चोरी करावे के होखे त पुलिसन के साट ला, एही बदे एनहन क रतिये में गश्त हौ,
पटक के मारा जे कहे पंद्रह अगस्त हौ”

ये कुछ पंक्तियां पुलिस की वर्तमान कार्यशैली पर आज भी फिट बैठती हैं।
जिस मातापुर मोहल्ले में लबे रोड चोरी की यह भीषण घटना बीते छह मार्च की रात हुई है उस घर के मुखिया अपना दल नेता रविंद्र सिंह पटेल कोरोना काल में दम तोड़ दिये थे, उनके बुजुर्ग पिता शारदा प्रसाद विधवा बहू, दो नाबालिग पोता पोती के साथ रहते हैं। एक व्याहता पोती भी उस दौरान आई हुई थी, उसकी विदाई के लिए पचास हजार रुपये और उसके जेवर भी घर में रखे थे। छह मार्च की रात एक बजे चोरों ने मेन गेट समेत अन्य ताले चटकाकर पोती के जेवर के अलावा 100 ग्राम सोने और दो सौ ग्राम चांदी के जेवर और 50 हजार नकदी पार कर दिया।

बुजुर्ग शारदा प्रसाद सपरिवार रिश्ते के एक शादी सामरोह में गए थे। सुबह आये तो उनके पांव तले जमीन खिसक चुकी थी।सूचना पर पहुंची लाइन बाजार पुलिस ने कथित जांच के बाद पीड़ित बुजुर्ग से ही पूछा किसी चोर का नाम बताइए? क्योंकि चोरी मातापुर गांव में से ही कोई नजदीकी ने की है, ऐसा ही प्रतीत हो रहा है।क्योंकि यहां तमाम दुकानें होने से रोड लाइट के आलावा अन्य लाइटें भी लगी हैं। बुजुर्ग ने कहा हम थे ही नहीं तो किसे बताएं? खोजी कुत्ते को लगाइए तो पता लग सकता है।

पुलिस में सिपाहियों के अलावा थानेदार, एसपी तक ने कहा तलाश जारी है, सर्राफा दुकानों पर ताकीद कर दी है कि कोई बेचने आये तो बताना, मुखबिर लगे हैं रेकी में, फ़िर भी ढाई माह गुजर गए।इस घटनास्थल पर एक और दिलचस्प कहानी चल रही है। चोरी वाले घर से 10 मीटर दूरी पर एक सिपाही ने अवैध कमरा बनाकर उसमें पान और भांग की दुकान खुलवाई है, लेकिन यहां धड़ल्ले से गांजा खूब बिक रहा है।दूसरी ओर भीषण चोरी के शिकार बुजुर्ग का परिवार अभी तक सदमे में है।