ढाई माह पूर्व गायब हुए बच्चे का खेत में मिला कपड़ा, मचा हड़कंप
# पुलिस ने दर्ज किया था अपहरण का मुकदमा, पास में हड्डियों के अवशेष मिलने पर परिजनों ने जतायी हत्या की आशंका
सुइथाकला, जौनपुर।
राजेश चौबे
तहलका 24×7
क्षेत्र के डकहा, कम्मरपुर गांव स्थित खेत में ढाई माह पहले गायब हुए बच्चे का कपड़ा मिलने की सूचना पर हड़कंप मच गया। कपड़ा मिलने की सूचना पर परिजन भी मौके पर पहुंचे। जिसकी पहचान होते ही कोहराम मच गया। वहीं कुछ हड्डियों के अवशेष मिलने पर बच्चे की हत्या किए जाने की आशंका जताई जा रही है।सूचना पर पहुंची पुलिस ने हड्डियों और कपड़े को जांच के लिए कब्जे में लेकर मामले की छानबीन में जुट गई है।गत 20 फरवरी को घर से दस रुपए लेकर निकला आफताब का दस वर्षीय पुत्र जीशान लापता हो गया।

काफी खोजबीन के बाद नही मिलने पर मां रुख्साना की तहरीर पर पुलिस ने बाइस फरवरी को अज्ञात के विरुद्ध अपहरण का मुकदमा दर्ज कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली थी। इसी बीच मंगलवार शाम छह बजे के आसपास घर से दो सौ मीटर की दूर उसका कपड़ा गांव के ही एक खेत में कुछ चरवाहों को मिला। आस-पास हड्डियों के कुछ अवशेष भी पड़े हुए थे। सूचना पर पहुंचे परिजनों द्वारा कपड़े की पहचान की। जिसके बाद हत्या की आशंका पर परिजनों के बीच कोहराम मच गया। परिजनों द्वारा गांव के ही एक व्यक्ति पर चुनावी रंजिशवश हत्या करवाने की आशंका जताई जा रही है।

उनका कहना है कि लगातार मोबाइल पर बच्चे को गायब करने की धमकियां आती रही हैं।सूचना पर पुलिस उपाधीक्षक अजीत सिंह चौहान भी मौके पर पहुंच कर मामले में जानकारी ली। प्रभारी निरीक्षक अमित सिंह ने हड्डियों और कपड़े को जांच के लिए कब्जे में लिया। उपाधीक्षक अजीत सिंह चौहान ने बताया कि परिजनों की आशंका पर हड्डियों को जांच हेतु भेज दिया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा हड्डी किसकी है।

# लगातार मोबाइल पर आईएमओ के जरिए परिजनों को सुधरने की मिल रही थीं धमकियां!
मृतक की मां रुख्साना के अनुसार बेटे महताब की मोबाईल पर आईएमओ के जरिए सुधर जाने की धमकियां मिलती रहीं।जिसकी जानकारी पीड़ित द्वारा थानाध्यक्ष को दी जा रही थी। जिसे संज्ञान में नहीं लिया गया। दस दिन पूर्व भी दूसरे बेटे को गायब करने की धमकी देने की बात बताई जा रही है। बहरहाल मृतक जीशान अपने माता-पिता का सबसे छोटा और पांचवी संतान के रुप में था। जिसे गायब हुए लगभग ढाई माह हो चुका। आफताब का बड़ा बेटा महताब रोजी रोटी के सिलसिले में सऊदी में रहता है, जबकि दूसरा बेटा शादाब मुम्बई में रहकर सिलाई का काम करता है।

तीसरा और चौथा बेटा क्रमशः फरहान और शादान आलम 11वीं और सातवीं कक्षा में पढ़ाई करते हैं। मृतक गांव के मदरसे में पांचवीं का छात्र रहा। घटना वाले दिन वह मां से दस रुपए लेकर घर से निकला था। परिजनों की मानें तो गायब होने से पूर्व वह पांच रुपए का बिस्किट खरीदा, शेष पांच रुपए का सिक्का मंगलवार को मिले कपड़े के लोअर में पाया गया। बेटे की याद में मां का रो-रोकर बुरा हाल है। धमकी को लेकर पिता आफताब नम आंखों से चुनावी रंजिश का खामियाजा सामने आने की बात कहकर भयजदा सा हो गये। सीओ अजीत सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, जांच कर कार्रवाई की जाएगी।