मंत्री संजय निषाद की यात्रा का हुआ जोरदार स्वागत
खेतासराय, जौनपुर।
अजीम सिद्दीकी
तहलका 24×7. प्रदेश सरकार में मत्स्य विभाग के मंत्री संजय निषाद की पदयात्रा क्षेत्र के अब्बोपुर गांव पहुंची जहां सैकड़ों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय निवासियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। गांव में प्रवेश करते ही कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से उनका अभिनंदन किया और ढोल-नगाड़ों के साथ गर्मजोशी भरा स्वागत किया।
संजय निषाद, निषाद पार्टी के प्रमुख और राज्य की राजनीति में एक मजबूत जनाधार रखने वाले नेता ने रथ यात्रा के माध्यम से समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक अपनी बात पहुंचाना और जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को नजदीक से समझना मकसद है। उन्होंने अब्बोपुर में अपनी यात्रा को झण्डा दिखाकर रवाना करने से पूर्व निषादराज की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया। यात्रा वहां से आगे बढ़ते हुए खेतासराय चौराहा पहुंची, जहां से शाहगंज के लिए प्रस्थान की।
इस दौरान मुख्य रूप से भाजपा नेता विजय सिंह विद्यार्थी, डॉ. इंद्रजीत बिन्द, संदीप बिन्द, लालप्रसाद सिंह, डॉ. जीतेन्द्र निषाद, राधेश्याम निषाद, रामकुमार, दीपचंद निषाद, निर्गुण बिन्द, बुद्धिराम, दिनेश निषाद, कमलेश, जोगिंदर निषाद आदि मौजूद रहे।
# स्कूल बस का फटा टायर, जाम में फंसी मंत्री संजय निषाद की रथ यात्रा
मंत्री संजय निषाद की रथ यात्रा के दौरान खेतासराय में अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न हो गई, मंत्री की रथ यात्रा जब अब्बोपुर से खेतासराय चौराहा से शाहगंज की तरफ मुड़ी वैसे चौराहा से चन्द कदम दूरी पर शाहगंज मार्ग पर एक स्कूल बस का टायर फट गया। जिसके चलते उक्त मार्ग पर जाम लग गया और मंत्री की रथ यात्रा जाम में फंस गई। पुलिस तत्परता दिखाते हुए मंत्री का रथ जाम से बाहर निकलवाया।
# कई किलोमीटर दूर तक एक हाथ से लटकता रहा सुरक्षाकर्मी
उत्तर-प्रदेश के मत्स्य विभाग के मंत्री संजय निषाद की अब्बोपुर रथयात्रा के अलग ही नजारा देखने को मिला। जिसने सभी को हैरान कर दिया। यात्रा के दौरान संजय निषाद की सुरक्षा में तैनात एक सुरक्षाकर्मी सुरक्षा व्यवस्था में सतर्कता बरतते हुए वाहन से एक हाथ के सहारे कई किलोमीटर तक लटकता रहा। यह वाकया इलाके में चर्चा का विषय बन गया है।
बताया जा रहा है कि जब संजय निषाद की पदयात्रा अब्बोपुर से खेतासराय के तरफ आगे की ओर बढ़ रही थी। इसी दौरान सुरक्षाकर्मी, वाहन के बाहरी हिस्से में एक हाथ के सहारे खड़ा रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह दृश्य बेहद साहसिक और जोखिम भरा था। यात्रियों और स्थानीय ग्रामीणों ने सुरक्षाकर्मी के जज्बे और समर्पण की सराहना की, लेकिन सवाल इस बात की है यदि रथ यात्रा में जरा सी चूक हुई तो कोई अप्रिय घटना घट सकती थी।