अतुल्य वेल्फेयर ट्रस्ट द्वारा वितरित की गई पोषण पोटली
जौनपुर।
विश्व प्रकाश श्रीवास्तव
तहलका 24×7
अतुल्य वेल्फेयर ट्रस्ट परिवार द्वारा धर्मापुर ब्लाक में चिन्हित सभी टीबी रोगियों को गोद लिया गया।उनके द्वारा क्षेत्र के टीबी रोगियों को प्रतिमाह पौष्टिक आहार किट का वितरण भी किया। संकल्प लिया कि इनकी देख-रेख की जिम्मेदारी हमारी रहेगी।

इस सम्बन्ध में एक कार्यक्रम का आयोजन रविवार को मालती देवी शिक्षण संस्थान धर्मापुर ब्लॉक पर किया गया। कार्यक्रम के विषय पर जानकारी देते हुए ट्रस्ट की अध्यक्ष उर्वशी सिंह ने बताया कि भारत सरकार द्वारा 2025 तक भारत से क्षय रोग उन्मूलन के लक्ष्य को निर्धारित किया गया है जिसे धरातल पर उतारने में अतुल्य वेल्फेयर ट्रस्ट परिवार सौ फीसदी सहभागिता दर्ज कराएगा। प्रत्येक टीबी रोगी को दवाइओं के साथ-साथ कुछ पोषण सामग्री की आवश्कता होती है, हम टीबी मरीजों को पोष्टीक सामग्री जैसे गुड़, मूंगफली दाना, दाल, भुना चना सत्तू, बोर्नबीटा के साथ साथ सोयाबीन उपलब्ध करा रहे हैं। एक माह तक मरीज को देने के बाद हम उसकी मॉनिटरिंग भी करते हैं कि क्या मरीजों की दी जाने वाली पोषण सामग्री का लाभ उन्हे हो रहा है इसका पता हम मरीजो के वजन/बीएमआई द्वारा पता करते हैं। इसकी शुरूआत हमने धर्मापुर ब्लॉक से शुरू पिछले साल से ही कर दिया है।

अतुल्य वेल्फेयर ट्रस्ट की तरफ से डॉ समर बहादुर सिंह ने बताया कि महामहिम राज्यपाल की मंशानुरुप जनपद मे समस्त टीबी रोगियों को गोद देने की प्रक्रिया जारी है। कनक सिंह ने कहा कि अतुल्य वेलफेयर ट्रस्ट परिवार की यह पहल सकारात्मक है। मीरा अग्रहरी ने कहा कि जनपद में धर्मापुर ब्लाक को टीबी फ्री ब्लाक के लक्ष्य के साथ चुना गया है। जिसमें हमारा उद्देश्य है कि हम प्रत्येक चिन्हित रोगी को दवाईयों के साथ कुछ पोषण भी उपलब्ध करवा सकें। अभी तक ट्रस्ट परिवार ने 98 मरीज़ गोद ले चुके हैं।

अमर जौहरी ने बताया कि टीबी रोगियों के स्वास्थ्य पर नजर रखते हुए पौष्टिक आहार किट उपलब्ध कराई जा रहीं हैं। ट्रस्ट की ज्योति श्रीवास्तव ने कहा कि गोद लेने को सामाजिक संस्थाएं स्वयं आगे आ रही हैं जोकि अच्छी बात है। ट्रस्ट के आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि एक समय ऐसा था जब घर का कोई सदस्य क्षय रोग से पीड़ित होता था तो परिवार वाले उसको घर से दूर रहने की व्यवस्था करा देते थे। ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि माइक्रो बैक्टीरिया, ट्यूबर क्लोसिस बैक्टीरिया से होने वाली इस बीमारी से मौतों का आंकड़ा अन्य बीमारियों से कहीं अधिक था। अब समय बदल चुका है, हम देश की आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। अब स्वास्थ्य सुविधाएं पूरी तरह से बेहतर हो चुकी हैं, इसलिए घबराने की नहीं, बल्कि सही समय पर पूरा इलाज कराने की जरूरत है।इस मौके पर संस्थापक दीक्षा सिंह, नागेंद्र नाथ सिंह, राधिका सिंह, मंडल अध्यक्ष राधेश्याम विश्वकर्मा, उमेश सिंह अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।