सुल्तानपुर : जहां राजा व प्रजा में कोई अंतर न हो वहीं है रामराज्य- बाबा बजरंगदास
कादीपुर।
मुन्नू बरनवाल
तहलका 24×7
‘जहां राजा और प्रजा दोनों में कोई अंतर न दिखाई पड़े वहीं रामराज्य है। राम राज्य में प्रजा सर्वोपरि होती है। राम जैसा केवल राम ही हो सकता है। लोक परलोक दोनों में राम जैसा कोई और नहीं है।’ उक्त बातें प्रख्यात कथावाचक बाबा बजरंगदास ने कहीं। वे जूनियर हाईस्कूल मैदान में चल रही नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा के छठवें दिन रामकथा सुना रहे थे।
उन्होंने कहा कि कभी अधर्म का धन नहीं खाना चाहिए। जो लोग अनीति, अधर्म और भ्रष्टाचार का धन खाते हैं उनको और उनके परिवार को इसका परिणाम भोगना ही पड़ता है। परमात्मा ऐसा धन स्वीकार नहीं करते। इससे पूर्व बाल व्यास सम्पूर्णानंद महराज ने कहा कि हम व्यक्ति की नहीं व्यक्तित्व की आराधना करते हैं। जिस दिन हम अपने अंदर का दोष देखने लगेंगे हमारे अंदर सुधार होना शुरू हो जायेगा। शबरी ने दूसरों के रास्ते से कंकड़ साफ किया इसलिए उनके जीवन में भगवन राम आये।
संचालन वरिष्ठ साहित्यकार मथुरा प्रसाद सिंह जटायु ने किया। आलोक दूबे आशुतोष सिंह व परमानंद आदि की टीम ने संगीतमय भजन प्रस्तुत किया।