जौनपुर : अब्दुल अजीज अंसारी डिग्री कॉलेज में धूमधाम से मनाई गई बिरसा मुंडा की जयंती
शाहगंज।
रवि शंकर वर्मा
तहलका 24×7
क्षेत्र अंतर्गत मजडीहां स्थित अब्दुल अजीज अंसारी डिग्री कॉलेज के बरलास सभागार में आदिवासी अस्मिता एंव अस्तित्व के लिए संघर्ष करने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा जी की जयंती मनाई गई। महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ एनपी उपाध्याय ने बिरसा मुण्डा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें अपनी श्रद्धा-सुमन अर्पित किया।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बिरसा मुंडा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए डॉ उपाध्याय ने कहा कि
बिरसा मुण्डा का जन्म 15 नवम्बर सन् 1875 में एक छोटे तथा गरीब किसान परिवार में हुआ था। छोटा नागपुर पठार में निवास करने वाले मुंडा एक जनजातीय समुदाय का हिस्सा हैं। जल, जंगल, जमीन और अपने कुटुम्ब की रक्षा करने हेतु युवा बिरसा मुंडा ने सन् 1895 में ब्रिटिश सरकार के खिलाफ ‘उलगुलान’ का आगाज कर दिया और ब्रिटिश सरकार के सैनिकों को “नाकों चने चबाने” को विवश किया। फलस्वरूप बिरसा मुंडा को ब्रिटिश सरकार ने गिरफ्तार कर तत्कालीन बिहार के हजारीबाग (अब झारखंड में) जेल तथा बाद में रांची कारागार में बंद कर दिया।
जहां उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरावट के कारण सन् 1900 ई को केवल 25 वर्ष की आयु में बिरसा मुंडा अपने माटी की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। बिरसा मुंडा के इस बलिदान के कारण उन्हें भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन के जनजातीय विद्रोहों तथा क्रांति के प्रतीक के रूप में याद किया जाता है। महाविद्यालय की प्रबंधक कहकशां खान ने बिरसा मुंडा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि अंग्रेजों द्वारा उनके ऊपर किए गये अत्याचारों का उल्लेख किया, उन्होंने भगवान बिरसा मुण्डा को एक ऐसा योद्धा बताया जिसने अपने जुनून से अंग्रेजी हुकूमत की चूलें हिला दी थी। इस अवसर पर डाॅ सलीम खान, डाॅ तस्नीमा, डाॅ इंदु बाला, आशीष अस्थाना, अनुराग यादव, अनुपम, गुलशन समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।